इस मंत्र का जाप आप हर मंगलवार और शनिवार को कर सकते हैं, रोजाना करें तो बहुत अच्छा रहेगा। हे अंजनन्दन, वीर, जानकी के दुःख का नाश करने वाले! हे कपीश, अक्षहंता, लंका का भय दूर करने वाली! फिर पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन ग्रहण करें। Foolish to https://marcozoudm.wikissl.com/1280840/little_known_facts_about_mahakal